Hindi Love Poem: एक मासूम का दिल लेकर बैठा हूँ...



मैं ये कैसा गुनाह कर बैठा हूँ,
एक मासूम का दिल लेकर बैठा हूँ।

वो मासूम चेहरा मुझे अपना सा लगता है,
और उन आँखों में साफ लिखा दिखता है:

"सीसा हूँ बस ये ख़याल रखना साथी,
तेरे हाथ से छूटी तो बिखर जाउंगी।"

अब तो मेरी आंखें...

टूटा तारा तो कभी नया चाँद देखा करती हैं,
और उसे पाने की हर पल दुआ करती हैं।



(Author, my tukbandi)

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