आज उसकी आँखों में कोई सवाल नहीं था,
ख़ामोशी थी, कल वाला सा हाल नहीं था.
कल तक तो वो दूर ही से गुजरी थी,
मगर आज उसकी निगाह मेरे दिल में उतरी थी.
हाँ उन निगाहों ने मेरे दिल को छू लिया था,
कभी इतना करीब आएगी वो, खयाल नहीं था.
आवारा था, दीवाना था, अब इस खयाल में,
पागल हो गया हूँ और बेहिसाब हो गया हूँ.
यकीन नहीं आता दोस्तों!
जिसकी नजरों में रहने का सपना देखा था कभी,
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